इंदौर :- 1.60 करोड़ ऑनलाइन ठगी: गुजरात-पंजाब से दो गिरफ्तार

इंदौर :- 1.60 करोड़ ऑनलाइन ठगी: गुजरात-पंजाब से दो गिरफ्तार

इंदौर में 1.60 करोड़ की ऑनलाइन ठगी का खुलासा, गुजरात और पंजाब से दो आरोपी गिरफ्तार — गिरोह का हेड क्वार्टर लाओस में

इंदौर :-एक महिला उद्यमी से हुई 1 करोड़ 60 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने गुजरात और पंजाब में दबिश देकर दो युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी अंतरराष्ट्रीय ठगी गैंग को फर्जी सिमकार्ड सप्लाई करने का काम करते थे। पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह का हेड क्वार्टर लाओस में है, जहां से दुनिया के कई देशों में साइबर फ्रॉड संचालित किया जा रहा है।

चार दिनों तक महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा

डीसीपी (अपराध) राजेश कुमार त्रिपाठी के अनुसार 59 वर्षीय महिला व्यापारी को पिछले वर्ष नवंबर में ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया गया था। आरोपितों ने स्वयं को CBI, ED और क्राइम ब्रांच के अधिकारी बताकर पीड़िता को मानसिक दबाव में रखा और चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। इसी बीच उससे 1.60 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में जमा कराए गए।

पहले ही 17 आरोपी पकड़े जा चुके, अब दो और गिरफ्त में

जांच के दौरान पुलिस ने गुजरात और मध्य प्रदेश से 17 संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। दो दिन पहले क्राइम ब्रांच ने फिरोजपुर सिटी (पंजाब) से पतरस कुमार उर्फ केलिस और वापी (गुजरात) से सौरभ सिंह को पकड़ा है।

फर्जी सिमकार्ड पहुंचाने का जिम्मा, लाओस में सरगना

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि पतरस कुमार 12वीं तक पढ़ा हुआ है और सिमकार्ड उपलब्ध कराने वाले नेटवर्क का हिस्सा था।
पतरस ने स्वीकार किया कि वह फर्जी नाम से खरीदे गए भारतीय सिमकार्ड को सौरभ उर्फ लूसी के जरिए लाओस में बैठे मुख्य सरगना तक पहुंचाता था।

आरोपियों ने खुलासा किया कि लाओस स्थित यह गिरोह लाखों नहीं, बल्कि कई देशों में करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा है।

ठगी से होने वाली कमाई म्यूल अकाउंट्स के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजी जाती थी।

 सोशल मीडिया और डेटिंग एप से चुने जाते थे शिकार

पकड़े गए आरोपियों के अनुसार गैंग कई टीमों में बंटा हुआ है—

  • एक टीम फर्जी बैंक खाते और सिमकार्ड खरीदती है

  • दूसरी टीम सोशल मीडिया जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और विभिन्न डेटिंग एप पर टारगेट तलाशती है

  • एक अलग टीम कॉलिंग ऑपरेटरों की भर्ती करती है, जिन्हें नौकरी का झांसा देकर फंसाया जाता है

कॉलिंग ऑपरेटर्स अलग-अलग देशों के नागरिकों को सरकारी अधिकारी बनकर धमकाते और पैसों की मांग करते थे।

 अब तक कुल 19 आरोपी गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच ने इस केस में अब तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें प्रतीक जरीवाला, अभिषेक जरीवाला, चंद्रभान बंसल, राकेश कुमार बंसल, विवेक रंजन उर्फ पिंटू गिरी, अल्ताफ कुरैशी, अभिषेक चक्रवर्ती, रोहन शाक्य, आयुष राठौर, नीलेश गोरेले, अभिषेक त्रिपाठी, मनोज कुमार, आगम साहनी, गौरव तिवारी, योगेश पटले, सुजल सूर्यवंशी और स्वपन मोदक शामिल हैं।

पुलिस अब लाओस स्थित मुख्य सरगना की पहचान और गिरफ्तारी के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है।

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