सिगरेट पीना पड़ेगा महंगा! पान मसाला–सिगरेट यूजर्स के लिए बुरी खबर!

सिगरेट पीना पड़ेगा महंगा! पान मसाला–सिगरेट यूजर्स के लिए बुरी खबर!

सिगरेट पीना पड़ेगा महंगा, पान मसाला–सिगरेट यूजर्स के लिए बुरी खबर

डिजिटल डेस्क। सिगरेट, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों के दाम आने वाले समय में और बढ़ सकते हैं। केंद्र सरकार इन उत्पादों पर लगने वाले क्षतिपूर्ति सेस की जगह नया कर ढांचा लागू करने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ने सेंट्रल एक्साइज (संशोधन) 2025 और स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस नामक दो नए विधेयक संसद में पेश किए हैं।

तंबाकू और सिगरेट होंगे और महंगे? मार्च में खत्म होगा क्षतिपूर्ति सेस, सरकार ला रही नया कानून

क्यों बढ़ सकते हैं दाम?

वर्तमान में तंबाकू व उससे जुड़े उत्पादों पर 28% जीएसटी के साथ क्षतिपूर्ति सेस भी वसूला जाता है। लेकिन यह सेस मार्च 2025 में खत्म होने जा रहा है। इसके बाद सरकार इसे कानूनी रूप से जारी नहीं रख पाएगी, जिससे केंद्र को भारी राजस्व घाटे का अंदेशा है।

इसी कमी को पूरा करने के लिए सरकार नया एक्साइज संशोधन बिल और स्वास्थ्य सुरक्षा सेस लागू करना चाहती है।

मशीनों और उपकरणों पर भी लगेगा सेस

नए प्रस्तावित कानून के अनुसार,
✔ सिगरेट और पान मसाला बनाने वाली मशीनों व उपकरणों पर भी टैक्स लगेगा।
✔ टैक्स उत्पादन क्षमता के आधार पर लगेगा—भले ही मशीन 50 यूनिट बनाए, लेकिन क्षमता 100 यूनिट की है तो टैक्स 100 यूनिट का देना होगा।

यह कदम उद्योग पर सीधा असर डाल सकता है और उत्पादों के दाम बढ़ने की पूरी संभावना है।

राजस्व और लोन भरपाई की चुनौती

2017 में शुरू किए गए क्षतिपूर्ति सेस का उद्देश्य था—GST लागू होने के बाद राज्यों को आर्थिक नुकसान से बचाना।
लेकिन कोविड काल में दिखी कमी को पूरा करने के लिए केंद्र ने बड़ी मात्रा में लोन लिया था।
उसकी भरपाई अभी चल रही है और सेस हटते ही यह चुनौती बढ़ जाएगी।

मार्च के बाद क्या बदलेगा?

सितंबर से GST व्यवस्था में बदलाव के बाद क्षतिपूर्ति सेस सिर्फ तंबाकू और पान मसाले पर लगाया जा रहा है।
मार्च 2025 के बाद यह भी समाप्त हो जाएगा।
इसके बाद नया कानून Central Excise Act 1944 की जगह लेगा।

कितना बढ़ सकता है टैक्स? प्रस्तावित बदलाव

सरकार ने कई उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के प्रस्ताव दिए हैं:

 सिगार

  • पहले टैक्स: 12% या 1000 पीस पर ₹4006

  • प्रस्तावित टैक्स: 25% या 1000 पीस पर ₹5000

65 mm सिगरेट

  • पहले टैक्स: ₹440 प्रति 1000 पीस

  • प्रस्ताव: ₹3000 प्रति 1000 पीस

65–70 mm फिल्टर सिगरेट

  • पहले टैक्स: ₹440

  • प्रस्ताव: ₹5200

 70 mm से बड़ी सिगरेट

  • पहले टैक्स: ₹545

  • प्रस्ताव: ₹7000

स्पष्ट है—सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है।

क्या है इसका उद्देश्य?

सरकार के अनुसार—

 हानिकारक उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर इनकी खपत कम करना
राजस्व में संभावित कमी की भरपाई करना
 राज्यों को मिलने वाला कुल एक्साइज शेयर बढ़ाना
 टैक्स स्ट्रक्चर को सरल और मजबूत बनाना

GST स्लैब में भी हो सकता है बदलाव

तंबाकू और पान मसाला अभी 28% GST स्लैब में आते हैं।
हाल ही में GST परिषद ने 28% स्लैब को बढ़ाकर 40% कर दिया है।
अब यह निर्भर करेगा कि वित्त मंत्री इन्हें कब 40% स्लैब में शिफ्ट करती हैं

निष्कर्ष

मार्च 2025 के बाद तंबाकू उत्पादों पर बड़ा कर बदलाव देखने को मिल सकता है। कीमतें बढ़ने, नया सेस लागू होने और मशीन-आधारित टैक्सिंग जैसी व्यवस्था से उद्योग और उपभोक्ता दोनों पर असर पड़ेगा। सरकार का मकसद—राजस्व सुरक्षित रखना और स्वास्थ्य के लिहाज से इन उत्पादों की खपत नियंत्रित करना है।

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