Balaghat News : बालाघाट के गांव में नेटवर्क न मिलने की वजह से पांच से छह लोगों की गयी जान

Balaghat News : बालाघाट के गांव में नेटवर्क न मिलने की वजह से पांच से छह लोगों की गयी जान

Balaghat News : बालाघाट में नक्सली प्रभावित 30 से ज्यादा गांव में नेटवर्क समस्या 

Balaghat News : छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सली की वजह से आम लोगो की रोजमर्रा की जिंदगी में काफी ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ रहा है इसी बिच बालाघाट से एक नया समस्या देखने को मि रहा है जहा पर माओवाद के वजह से प्रभावित गांवों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने राजमार्ग पर जाम लगा दिया है । ग्रामीणों का कहना है कि नेटवर्क की समस्या के कारण पंचायतों के कामकाज पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। आपको बता दे की बीएसएनएल के टावर बंद पड़े हैं और समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। जिसके वजह से पंचायतों में कई सारे काम लंबित हो गए हैं और विकास कार्यों पर भी ग्रहण लग गया है।

Balaghat में नक्सलियों का प्रभाव 

बालाघाट में माओवाद प्रभाव बैहर और परसवाड़ा विस अंतर्गत घने जंगल के अंदर बसे हुए  लगभग 30 से अधिक गांवों के लोगों ने शुक्रवार के दिन नेटवर्क की समस्या दूर न होने के कारण नाराज होकर बालाघाट से बैहर राजमार्ग पर गांगुलपारा के बंजारी में चक्काजाम कर दिया है | जिसके वजह से दोनों तरफ वाहनों के पहिए थम गए है। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांवों में नेटवर्क की समस्या  काफी लंबे समय से चलती आ रही है। जिसका असर पंचायतों के कामकाज पर पड़ रहा है। और ग्रामीण लोगो के आम जीवन पर भी पड़ रहा है |

आपको बता दे की नेटवर्क मिलाने के लिए कई बार पंचायत के कर्मचारी ऊंचाई वाले स्थान पर पहुंच जाते हैं, जिससे की उन्हें थोड़ा बहुत नेटवर्क मिल जय और पंचायत का थोड़ा बहुत कार्य किया जा सके लेकिन थोड़ा बहुत नेटवर्क मिलने पर काम पूरे नहीं हो पा रहे है। जिससे पंचायतों में कई सारे कामकाज प्रभावित होने लगे है। यह जो मामला है वह , क्षेत्र के घने जंगलों में बीएसएनएल के अधिकांश टावर लगे हुए हैं, जिनमें से कई टावर बंद पड़े हुए हैं। इसी समस्या से कई बार जनप्रतिनिधि से लेकर कलेक्टर तक को अवगत कराया गया है। लेकिन इन सब के बावजूद इसके समस्या का हल नहीं हो रहा है।

आखिर क्या है बालाघाट के नेटवर्क प्रभावित गांव का पूरा मामला 

प्राप्त जानकारी के अनुसार मोहनपुर के ग्रामीण बताते हैं कि गांव में बीएसएनएल का टावर खड़ा किया गया है। पिछले एक वर्ष तक थोड़ा बहुत नेटवर्क मिल रहा था, लेकिन पिछले सात महीने से टावर बंद पड़ा हुआ है। इससे पंचायत के काम लंबित होने से विकास कार्यों पर ग्रहण सा लग गया है। साथ ही ऐसे में यदि सर्पदंश की घटना हो जाए या फिर अचानक किसी की स्वास्थ्य बिगड़ता है तो आशा कार्यकर्ता, एंबुलेंस को कॉल नहीं कर सकते है , क्योंकि नेटवर्क ही नहीं रहता। ऐसे में नेटवर्क न होने के वजह से ग्रामीण लोगो के जीवन में काफी ज्यादा प्रभाव देखन को मिल रहा है

गांव में नेटवर्क न मिलने की वजह से पांच से छह लोगों की जान जाने की बात ग्रामीणों ने कही है। क्योकि अचानक स्वस्थ ख़राब हो गया था और नेटवर्क न होने की वजह से एम्बुलेंस को समय पर कॉल करके नहीं बुलाया जा सका जिसके वजह से चार माह पूर्व ग्राम पालागोंदी में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें पूरे जिला प्रशासन के अमले की मौजूदगी में समस्या बताई गई थी। तब आश्वासन मिला था कि जल्द यह समस्या दूर को दूर किया जायेगा , लेकिन वर्षाकाल आने बाद हालत जस के तस बने हैं। यही हाल सोनेवानी सहित अन्य गांवों में भी है।

नेटवर्क के अभाव में केवायसी, पेंशन आवेदन, संबल योजना, मनरेगा योजना अंतर्गत निर्माण कार्यों का जीओटेक नहीं हो रहा है। साथ ही वर्क रजिस्ट्रेशन, डिमांड डालना, मस्टररोल जनरेट करना, मजदूरों की आनलाइन हाजरी, मस्टर रोल फील करने आदि के कार्य लंबित हो रहे है।

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