CG News: दुष्कर्म की कोशिश के मामले में आरोपी सक्ती के राजा धर्मेंद्र सिंह को बिलासपुर हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। डिवीजन बेंच ने उन्हें सभी आरोपों से बरी करते हुए निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को रद्द कर दिया है। ट्रायल कोर्ट ने राजा धर्मेंद्र सिंह को विभिन्न धाराओं में पांच और सात साल की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया था, जिसके बाद वे जेल में बंद थे।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान, बेंच ने पाया कि अभियोजन पक्ष के बयानों में कई विरोधाभास, चिकित्सीय साक्ष्यों की कमी, महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ न होना और अन्य असंगतियां मामले को कमजोर करती हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसे हालात में दोषसिद्धि को बरकरार रखना उचित नहीं है। अदालत ने राजा धर्मेंद्र सिंह की तत्काल रिहाई का आदेश दिया।
ट्रायल कोर्ट के फैसले को दी गई चुनौती
राजा धर्मेंद्र सिंह ने हाई कोर्ट में दलील दी कि संपत्ति और उत्तराधिकार से जुड़े पारिवारिक विवादों के कारण उन्हें झूठा फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि युवराज के रूप में राज्याभिषेक के बाद उनके खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज होती रही हैं।
आखिर क्या था मामला
पीड़िता ने 10 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि 9 जनवरी की रात आरोपी उसके घर में घुस आया और छेड़छाड़ व दुष्कर्म की कोशिश की। पीड़िता ने दावा किया कि आरोपी ने उसके कपड़े फाड़ने की कोशिश की और विरोध पर हाथ की चूड़ियां टूट गईं। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 450, 354 और 376 की धाराओं में मामला दर्ज किया था।
हाई कोर्ट की जांच में इन आरोपों से जुड़े जरूरी सबूतों का अभाव पाया गया, जिसके बाद आरोपी को बरी कर दिया गया।







