राशन वितरण में बड़ा बदलाव! CG में अब राशनकार्ड स्कैन कर मिलेगा अनाज
Chhattisgarh News today:- छत्तीसगढ़ राशन वितरण में अब बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है अब से राशन कार्ड को ATM की तरह उपयोग करके ले सकेंगे अनाज जिसका नाम SMART PDS SCHEME रखा गया है इसके तहत छत्तीसगढ़ राशन वितरण को पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए SMART PDS लागु करने की तयारी काफी तेजी से शुरू हो गया है खाद्य एवं राजस्व रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया है की SMART PDS 2026 में पूरी तरह से लागु हो जायेगा ।
Chhattisgarh News Today:- छत्तीसगढ़ राशन वितरण में अब बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है अब से राशन कार्ड को ATM की तरह उपयोग करके ले सकेंगे अनाज , खाद्य एवं राजस्व रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया है की SMART PDS 2026 में पूरी तरह से लागु हो जायेगा । रीना बाबासाहेब कंगाले ने बुधवार को नवा रायपुर स्थित संवाद कार्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित प्रेस वार्ता में यह सम्पूर्ण जानकारी दिया है की SMART PDS 2026 में पूरी तरह से लागु हो जायेगा । इसके बाद राशन कार्डधारी किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन सामग्री प्राप्त कर सकेंगे।
सचिव ने बताया है जी छत्तीसगढ़ प्रदेश की लगभग 6585 राशन वितरण दुकानों के पास अपना दुकान और गोदाम भवन नहीं है और ये दुकान किराय की या शासकीय भवनों से संचालित हो रही है इन राशन दुकानों के लिए भवन निर्माण का बजट स्वीकृति किया गया है सभी ऑफलाइन दुकानों को ऑनलाइन तरीके से जोड़ा जायेगा बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा , दंतेवाड़ा नारायणपुर और कांकेर जिले के 402 दूर स्थित गाओं के 42,200 के परिवारों की निशुल्क चावल, चना, नमक, शक्कर और गुंड प्रदान किया जा रहा है इन क्षेत्रों में 18 नै दुकानों की स्वीकृति प्रदान किया गया है
38 लाख महिलाओ को मिले फ्री गैस कनेक्शन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब तक लगभग 38 लाख महिलाओ को फ्री गैस कनेक्शन दिया जा चूका है और 2026 में नए कनेक्शन जारी करने की प्रक्रिया जारी है स्मार्ट पीडीएस लागु होने के बाद राशनकार्ड प्रबंधन , स्पॉय चैन और वितरण प्रणाली
पूरी तरह केंद्रीकृत और ऑनलाइन होगी। साथ ही लाल, पीले और हरे अलर्ट सिस्टम के माध्यम से शिकायतों की निगरानी और गाड़ियों की ट्रैकिंग भी की जा रही है। पीडीएस में 11 लाख नए परिवार जुड़ने से 82 लाख सदस्य लाभान्वित हो रहे हैं।
राजस्व के 52,908 मामले लंबित, दुर्ग में सबसे अधिक
कंगाले ने बताया कि नामांतरण, विभाजन और सीमांकन से जुड़े 52,908 प्रकरण अभी लंबित हैं। न्यायालयीन मामलों में दुर्ग संभाग में 7,438, सरगुजा में 5,000 और बिलासपुर में 2,000 मामलों की लंबित सूची है। ई-राजस्व प्रणाली से अनावश्यक पेशियों में कमी आई है और लंबित प्रकरणों की नियमित समीक्षा की जा रही है।
25.49 लाख किसानों से खरीदा गया धान
धान उपार्जन की जानकारी देते हुए सचिव ने बताया कि अब तक 25 लाख 49 हजार किसानों से धान खरीदा जा चुका है। 25 लाख किसानों को 34,348 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। सरकार ने धान खरीदी सीमा बढ़ाकर 15 क्विंटल से 21 क्विंटल कर किसानों को राहत प्रदान की है। इस वर्ष 26 लाख 49 हजार किसान पंजीकृत हैं। अब तक एक लाख 17 हजार 500 किसानों से 77 क्विंटल धान खरीदा गया है और 1,150 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तुम्हार टोकन योजना के तहत तीन हजार टोकन जारी किए गए हैं।
ऑनलाइन सेवाओं से बढ़ी सुविधा
राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग की उपलब्धियों पर सचिव ने बताया कि खसरा, बी-वन, डिजिटल साइन, नामांतरण और डायवर्सन जैसी सेवाएं ऑनलाइन होने से आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। 15,900 गांवों में 10 लाख लोगों को पट्टा वितरण की तैयारी चल रही है।
भुइया एप के माध्यम से भूमि रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध हैं। दो वर्षों में आपदा प्रभावितों को 321 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है और आपदा मित्र योजना के तहत तीन हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। पीडीएस में अनियमितताओं पर कड़ी कार्रवाई की जा रही हैं। सरकार का लक्ष्य पूरी तरह पारदर्शी, जवाबदेह और डिजिटल प्रशासन स्थापित करना है और आगामी तीन वर्षों के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गई है







